
दिनांक 09.11.2020 को आदिवासी धर्म कोड के बारे में झारखण्ड में राष्ट्रिय आदिवसी धर्म समन्वय समिति, अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद केन्द्रिय कमिटी, अखिल भारतीय आदिवासी जन परिषद और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधिनियों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेण के साथ विचार विमर्श किया।
विचार विमर्श के बाद राष्ट्रिय स्तर पर एक धर्म कोड की मांग को लेकर विभिन्न प्रतिनिधिनियों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेण को ज्ञापन दिया।
सभी प्रतिनिधियों की मांग है कि आगामी जनगणना 2021 में आदिवासियों के लिये अलग से धर्म कोड जनगणना प्रपत्र में दिया जाये।
देश स्तर पर एक धर्म कोड नहीं होने से आदिवासी संस्कृति को नुकसान होता जा रहा है।
प्रतिनिधियों ने विचार विमर्श के दौरान, देश के आदिवासियों को एकसुत्र में बांधने के लिये एक धर्म कोड की मांग जरुरी बताई।
बडी खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरण ने धर्म कोड के प्रस्ताव पर अपनी सहमती जताई है और इस प्रस्ताव को आगे केन्द्र सरकार के पास भिजवाने का आश्वासन दिया है।
दोस्तों अगर आपके आदिवासी धर्म कोड के बारे में कोई सवाल हो तो हमें कमेन्ट बाक्स मंे जरुर बतायें।